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सोनामती महाविद्यालय, बिल्हौर | नानामऊ मार्ग, कानपुर नगर (सम्बद्ध छत्रपति शाहू जी महाराज)|
संक्षिप्त-परिचय वस्तुतः शिक्षा व्यक्तित्व के विकास की आधार शिला है। एक श्रेष्ठ विद्यामन्दिर ही इस लक्ष्य को पूर्ण कर सकता है। यही भाव इस महाविद्यालय की स्थापना के मूल में सम्मिलित है। बिल्हौर एवं इससे सम्बद्ध ग्रामीण अंचलों के छात्र-छात्राओं हेतु उच्च शिक्षा की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से 1 जून 2011 को इस महाविद्यालय की आधार शिला रखी गई। महाविद्यालय का छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से सम्बद्धन वर्ष 2011 में हुआ। यह महाविद्यालय बिल्हौर के अन्तर्गत नानामऊ मार्ग पर स्थित है।
खेल कूद
महाविद्यालय में क्रीड़ा प्रतियोगिताओं हेतु आदर्श मानकों से सुसज्जित क्रीड़ागंन की सुविधा है। महाविद्यालय में . नवीन संसाधनों और आडियो-विजुअल एड्स (Audio-VisualAids) एवं E-Class से सम्पन्न शिक्षण व्यवस्था है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम
महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं के पाठ्येतर गतिविधयों हेतु ‘सौगन्धिकम्' नामक एक सशक्त सांस्कृतिक एवं साहित्यिक मंच' की स्थापना की गई है। उत्कर्ष का भाव है-प्रगति पथ पर आगे बढ़ना, निरन्तर विकास-वीथी का पथिक बनकर श्रेष्ठ कार्य सम्पादित करना। यह मंच कालेज के उदीयमान छात्र-छात्राओं की प्रतिभा को उर्ध्वगामी बनाने का निरन्तर प्रयास कर रहा है।
प्रयोगशाला
महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं को नवीन आकर्षक कम्प्यूटर लैब से सज्जित कम्प्यूटर प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था है। महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं के स्तरोन्नयन हेतु मासिक मूल्यांकन, सेमिनार एवं कमजोर विद्यार्थियों के लिये पृथक से ट्यूटोरियल एवं रेमिडियल कक्षाओं की व्यवस्था है।